खुद को निखारें, खुद की देखभाल कैसे करें ….इस आशय के साथ राजकीय बालिका गृह और नारी निकेतन, नान्ता की आवासिनियों के लिए 10 दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया. यूँ तो 10 दिन का प्रशिक्षण था परन्तु कुछ सीखने वालों की जिज्ञासा तो कुछ सिखाने वाली प्रशिक्षिका शिखा जी की तत्परता ..कि प्रशिक्षण 15 दिन तक चला. सौन्दर्य देखभाल के परम्परागत तरीकों से लेकर आधुनिक विधाओं, ब्यूटी – पार्लर में प्रयोग की जाने वाली तकनीकों, प्रक्रियाओं के बारे में विस्तार से समझाया व अभ्यास के सत्रों का आयोजन किया गया. किस प्रकार की मशीनों, टूल्स आदि का प्रयोग किया जाता है (मसाज मशीन, स्ट्रैटनिंग और कर्लिंग रॉड, ड्रायर, वैक्स हीटर, फेशिअल स्टीमर, आदि) को दिखाया व उनको प्रयोग करना बताया गया. त्वचा, बालों की सफाई और देखभाल, हिना ट्रीटमेंट, हाथ-पैरों की देखभाल, थ्रेडिंग, हेयर कटिंग, जूडे-चोटी की विभिन्न शैलियाँ, मेक-अप आदि भी सिखाया गया. असल में, यह सीखने वाले प्रशिक्षार्थियों का एक मिला जुला समूह था. कुछ लिखना-पढना जानती थीं, तो कुछ पूर्णतया निरक्षर थीं. साथ ही तीन प्रशिक्षार्थी सुनने-बोलने में असमर्थ थीं. इतनी विविधता वाले समूह को एक साथ लेकर चलना बड़ी चुनौती थी. लेकिन शिखा और नर्बदा के रहते सीखने-सिखाने की प्रक्रिया सुगम बनी रही.
कितना सीख पाए..कितना समझ पाए…सही समझा है कि नहीं….ये जानना भी ज़रूरी था और कहीं न कहीं सीखने की प्रक्रिया का आकलन भी आवश्यक था. आपस में चर्चा की गयी और तय किया कि कुछ प्रश्न बनाये जायेंगे और उनको पर्चियों में लिखकर रख दिया जायेगा. प्रत्येक संभागी आई और उसने अपनी पर्ची उठाई और पूछे गए प्रश्न पर काम किया. कुछ नर्वस थीं तो कुछ बिंदास तो कुछ बेपरवाह…सबने अपना बेहतर प्रदर्शन किया . गलतियों को हाथों-हाथ सुधारा भी गया.
चूँकि परीक्षा थी तो परिणाम भी आना ही था. 1-5 के स्केल पर परिणाम देना था. जिसका प्रदर्शन अच्छा तो पांच स्माइली यानि मुस्कुराता चेहरा और कम तो कम स्माइली देनेठे. यानि अंकों में काम नहीं करना था. परिणाम था तो घोषणा भी होनी थी. एक चार्ट पर परिणाम लिख कर चस्पा कर दिया गया. सबने उत्सुकता से देखा और एक दूसरे के कम -ज्यादा स्माइली देखकर बधाई और ताने साथ साथ दिए. प्रशिक्षण को पूर्णता देते हुए सभी सीखने वालों को प्रमाण-पत्र भी दिया गया. संयोग था कि प्रमाण-पत्र वितरण का दिन गुरु-पूर्णिमा का दिन था . प्रशिक्षिका शिखा गुप्ता, नारी निकेतन अधीक्षिका अंशुल मेहंदीरत्ता, सचेतन सचिव भारती गौड़ , सुनीता जैन और नर्बदा इस अवसर पर मौजूद थे और उन्होंने सभी को प्रमाण-पत्र प्रदान किये. इस अवसर पर सचेतन टीम और नारी-निकेतन अधीक्षक द्वारा मिलकर, बालिकाओं द्वारा संस्था के सहयोग से चलाये जा रहे क्राफ्ट केंद्र में सीख कर बनाये उत्पाद प्रशिक्षिका शिखा जी को भेंट किये गए.