‘गड़बड़झाला गिरगिट’ (The mixed up chameleon: story by Eric Carle) ये थी हमारी कहानी जिसे बच्चों के साथ साझा किया सचेतन की वालंटियर बंगलोर निवासी सुश्री पायल सक्सेना ने. पायल शौकियातौर पर बच्चों के साथ कहानी कहने में दिलचस्पी रखती हैं. मई 2014 में अपने कोटा प्रवास के दौरान अपनी इस कला को हमारे बच्चों के साथ बांटा.
कहानी बनाने और सुनने-सुनाने की प्रक्रिया हमारी कल्पनाशीलता को पर लगाती है. कहानी को बनाना यानि सोचना-विचारों को तार्किक क्रमबद्धता दे एक भावपूर्ण, अर्थपूर्ण सम्पूर्णता तक पहुँचाने के चरणों से गुजरना होता है. कहीं न कहीं यह प्रक्रिया बच्चों को नए-नए शब्द तलाशने, संदर्भ बनाने और कल्पना के साथ आकार देने के कौशल का विकास करती है. साथ ही कहानिया जीवन दर्शन को सरल रूप में बच्चों को समझाने का माध्यम तो हैं हीं. इसी सोच के साथ हम बच्चों के साथ कहानी कार्यशालाओं को आयोजन करते रहे है.
कोटा के इंदिरा बाज़ार इलाके के बच्चों के साथ कहानी कार्यशाला के आयोजन में पायल ने चित्र, भाव/मुद्राओं के माध्यम से बच्चों के साथ कहानी कथन का कार्य किया. बच्चों के लिए एक रोचक अनुभव रहा. क्षेत्र की ही शिक्षिका सुश्री सुनीता सक्सेना द्वारा अपने घर का बरामदा कार्यशाला हेतु उपलब्ध कराया. बच्चे जुटे और कहानी शुरू…
कुछ चित्र उसी कार्यशाला से..