कोविड महामारी के दौरान रचनात्मक व्यस्तता

हमें रंग, कागज और मौका दे कर तो देखो …….हमारी कल्पनाएँ भी रंग बिरंगी हैं, सीखने की ललक भी हममे है, सीधी लकीर न सही टेढ़ा-मेढ़ा गोला ही सही, हमारी मछली नीली ही सही और पेड़ पीले ही सही…..लेकिन हम ऐसे ही बनायेंगे, रंगेंगे और इतरायेंगे. ऐसा ही अनुभव रहा हमारा. बालिका गृह की बालिकाओं के साथ महीने भर की क्राफ्ट कार्यशाला में डॉट पेंटिंग, ओरिगामी, कागज के फूल, फैब्रिक ज्वेलरी, ट्राइबल डॉल्स, मधुबनी व वरली आर्ट आदि विधाओं के बारे में जानकारी दी गयी व उनका अभ्यास किया गया. कोविड के तनाव भरे माहौल में बालिकाओं के साथ वहां जाकर कार्यशाला करना संभव न था तो इस बार वर्चुअल क्लास का आयोजन किया. कोविड के समय में बालिकाओं को शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से स्वस्थ और सक्रिय रखने के लिए योग और रचनात्मक व्यस्तता हेतु क्राफ्ट कार्यशालाओं के इस आयोजन में बालिकाओं ने पूरी तन्मयता से भाग लिया. कार्यशाला में सुश्री मोनिका सोनी ने संदर्भ व्यक्ति के रूप में बालिकाओं को समस्त प्रशिक्षण प्रदान किया. बालिका गृह के समस्त अधिकारीयों का धन्यवाद जिन्होंने इस वर्चुअल कार्यशाला हेतु समस्त व्यवस्थाएं सुलभ करायीं.

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